मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज दिपावली त्यौहार के शुभ अवसर से पहले बड़ा तोहफा देते हुए नगर निगम, नगर परिषद व समितियों के मेयर और अध्यक्ष सहित सदस्यों के मानदेय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बढ़ा हुआ मानदेय 1 अक्तूबर, 2023 से दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने हिंदी आंदोलन सत्याग्रहियों व आपातकालीन पीड़ितों की पेंशन 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों को भी दिवाली तोहफा देते हुए डीए में 4 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा की है। प्रदेश सरकार के आज 9 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल भी उपस्थित रहे। श्री मनोहर लाल ने कहा कि नगर निगमों के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर, काउंसलर्स, नगर परिषद के अध्यक्षों सहित सदस्यों के साथ विभिन्न विषयों को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें मानदेय बढ़ाने पर विचार किया गया। उन्होंने कहा कि पहले मेयर को 20,500 रुपये मासिक मानदेय मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 30,000 रुपये किया गया है। इ
ऐलनाबाद: 'हिन्दी साहित्य प्रेरक संस्था' द्वारा जींद (हरियाणा) में दिनांक 22/10/2023, रविवार को आयोजित एक भव्य साहित्यिक सम्मान समारोह में ऐलनाबाद के साहित्यकार एवं शायर प्रवीण पारीक 'अंशु' को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें 'गंगा-दर्शन स्मृति साहित्य रत्न सम्मान' से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उन्हें प्रसिद्ध समाजसेवी डॉक्टर रमेन्द्र जीवनदीप, हिन्दी साहित्य प्रेरक संस्था की अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला काजल 'शगुन', प्रसिद्ध शायर व लेखक देवदत्त देव आदि द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। इसी मंच से उनकी पुस्तक 'सन्नाटे का शोर' का लोकार्पण भी साहित्य के विद्वानों द्वारा किया गया। मंच से लेखक बलराज स्नेही ने साहित्यकार अंशु के सम्मान में प्रशस्ति पत्र पढ़ते हुए एवं उनके अब तक के साहित्यिक सफर पर बोलते हुए कहा कि अंशु जी की रचनाओं में व्यक्ति के मनोभावों को प्रकट करता मनोविज्ञान है। साथ ही दार्शनिक एवं सांस्कृतिक मान्यताओं का अंकन है। उन्होंने कहा कि साहित्यकार प्रवीण परीक अंशु को देशभर से अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। देश की अनेक प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं छपती रहती हैं। हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में उनकी अब तक पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुके हैं। आकाशवाणी से भी उनकी कविताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
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